
परिचय: भारतीय नौसेना ने मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में मालदीव के तटरक्षक जहाज एमएनडीएफ हुरवी का एक महत्वपूर्ण रिफिट सफलतापूर्वक पूरा किया है। यह रिफिट भारत और मालदीव के बीच मजबूत कूटनीतिक और सैन्य सहयोग को दर्शाता है और क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को भी उजागर करता है।
रिफिट का महत्व:
- यह रिफिट भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति और ‘क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति (महासागर)’ के दृष्टिकोण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- रिफिट के बाद, जहाज ने कठोर बंदरगाह और समुद्री परीक्षणों, उपकरणों की परिचालन जांच, सुरक्षा ऑडिट और परिचालन समुद्री प्रशिक्षण से गुजरना पड़ा, जिससे इसकी कार्यक्षमता में सुधार हुआ।
रिफिट की प्रक्रिया:
- एमएनडीएफ हुरवी ने 13 नवंबर 2024 को मुंबई पहुंचने के बाद पिछले चार महीनों में सभी मशीनरी, हथियारों और सेंसर के रखरखाव से संबंधित प्रमुख कार्य किए।
- जहाज की रहने की क्षमता में सुधार किया गया, जिससे यह अधिक प्रभावी ढंग से कार्य कर सके।
मेक इन इंडिया पहल:
- यह जहाज मेक इन इंडिया पहल के तहत निर्मित किया गया था और मई 2023 में पुराने प्लेटफॉर्म के प्रतिस्थापन के रूप में मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (MNDF) को सौंपा गया था।
- एमएनडीएफ हुरवी ने मालदीव द्वीपसमूह में मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) और चिकित्सा निकासी अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे यह क्षेत्र में आपातकालीन स्थितियों में तेजी से प्रतिक्रिया देने में सक्षम है।
निष्कर्ष: भारतीय नौसेना द्वारा किया गया यह रिफिट न केवल भारत और मालदीव के बीच सहयोग को मजबूत करता है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता को भी बढ़ावा देता है। यह कदम दोनों देशों के बीच सामरिक संबंधों को और अधिक गहरा करने में सहायक होगा और समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा प्रदान करेगा।