“भारत की कृषि शिक्षा और आधुनिक प्रतिभाओं को पूरा अवसर मिले, इसलिए राष्ट्रीय कृषि उच्चतर शिक्षा परियोजना (NAHEP) के तहत”कृतज्ञ” कृषि हैकाथॉन (KRITAGYA) का आयोजन किया गया।महिलाओं के अनुकूल उपकरणों पर विशेष जोर देने के साथ-साथ खेती में मशीनीकरण को बढ़ाने के लिए संभावित प्रौद्योगिकी समाधानों को बढावा देना इस आयोजन का उद्देश्य था। विश्वविद्यालयों, तकनीकीव अन्य संस्थानों के छात्रों, संकायों और नवप्रवर्तकों/उद्यमियों/स्टार्टअप्सने टीमों केरूप में इसमें भाग लिया। इनमें से हरेक में चार प्रतिभागी थे। कुल 784 टीमों ने भाग लिया, जिनमें मुख्यतःआईआईटी, कृषि व अन्य वि.वि. एवंअनुसन्धान संस्थानशामिल थे। प्रस्तावों का मूल्यांकन विशेषज्ञों नेकिया।
5 लाख रू. का प्रथम पुरस्कार गोवा वि.वि. टीमको मिला, जिसने नारियल/तेल ताड़ की कटाई के लिए ड्रोन बनाया।3 लाख रू. का द्वितीय पुरस्कार ICAR-CIAI, भोपाल को प्राप्त हुआ, जिसने पौधों कीबीमारियों का वास्तविक समय में पता लगाने, कीटनाशकों कासाइट-विशिष्ट अनुप्रयोग करने के लिए कंपन संकेत के प्रयोगकासुझाव दिया।1 लाखरू. कातृतीय पुरस्कार दो टीमों को संयुक्त रूप से दिया गयाइनमें बैंगलुरू की टीम ने बैटरीचलित पोर्टेबलकोकून हार्वेस्टर, जो एक हाथ से संचालित तंत्र है, बनाया। वहीं, तमिलनाडु जयललिता फिशरीज यूनिवर्सिटीकीटीम को यह पुरस्कार सेमी-ऑटोमैटिक कटर, जो सूखी मछली को काटते समय मछुआरे की मुश्किलों को कम करता है, बनाने के लिए मिला।
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