
परिचय: अप्रैल 2025 में, मुंबई (महाराष्ट्र) स्थित महाराष्ट्र राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड (महाजेनको) ने थोरियम ईंधन का उपयोग करके एक छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (एसएमआर) के संयुक्त विकास के लिए मास्को (रूस) स्थित राज्य परमाणु ऊर्जा निगम रोसाटॉम के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता मुंबई में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री (सीएम) देवेंद्र फड़नवीस की उपस्थिति में संपन्न हुआ।
परियोजना का महत्व:
- थोरियम ईंधन का उपयोग: थोरियम एक सुरक्षित और स्वच्छ ऊर्जा स्रोत है, जो परमाणु ऊर्जा उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह पारंपरिक यूरेनियम आधारित रिएक्टरों की तुलना में अधिक सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल है।
- छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (एसएमआर): एसएमआर का विकास ऊर्जा उत्पादन में लचीलापन और दक्षता बढ़ाने में मदद करेगा। ये रिएक्टर छोटे आकार के होते हैं और इन्हें विभिन्न स्थानों पर स्थापित किया जा सकता है, जिससे ऊर्जा की पहुंच बढ़ती है।
समझौता ज्ञापन के प्रमुख बिंदु:
- संयुक्त विकास: महाजेनको और रोसाटॉम के बीच यह समझौता दोनों कंपनियों के बीच तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देगा और थोरियम आधारित ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहित करेगा।
- स्थायी ऊर्जा समाधान: यह परियोजना भारत में स्थायी ऊर्जा समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो देश की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने में सहायक होगी।
निष्कर्ष: महाजेनको और रोसाटॉम के बीच यह समझौता ज्ञापन न केवल भारत के ऊर्जा क्षेत्र में एक नई दिशा प्रदान करेगा, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर थोरियम आधारित ऊर्जा उत्पादन के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। यह पहल भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने में सहायक होगी।