वायु सेना स्टेशन उत्तरलाई (बाड़मेर) स्थित भारतीय वायु सेना (आईएएफ) का नंबर 4 स्क्वाड्रन (ओरियल्स) MiG-21 से SU-30 MKI में परिवर्तित हो रहा है, जो स्क्वाड्रन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण है। 1966 से मिग-21 का संचालन कर रहा है। मिग-21 भारतीय वायुसेना की सेवा में पहला सुपरसोनिक लड़ाकू विमान था और इसे 1963 में शामिल किया गया था। तब से इसने सभी प्रमुख संघर्षों में भाग लिया है। यह परिवर्तन भारतीय वायु सेना के आधुनिकीकरण और साथ ही देश के आसमान की रक्षा करने की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
30 अक्टूबर 23 को वायु सेना स्टेशन उत्तरलाई में एक समारोह में नए विमान को औपचारिक रूप से शामिल किया गया। इस समारोह में मिग-21 और एसयू-30 एमकेआई द्वारा एक संयुक्त फ्लाईपास्ट दिखाया गया, जो स्क्वाड्रन के लिए आखिरी मिग-21 उड़ान थी। . इस समारोह में विभिन्न सैन्य और नागरिक गणमान्य लोग उपस्थित थे। इस स्क्वाड्रन को Su-30 MKI में बदलने का मतलब है कि IAF अब मिग-21 के केवल दो स्क्वाड्रन का संचालन करती है। भारतीय वायुसेना वर्ष 2025 तक मिग-21 विमानों को चरणबद्ध तरीके से हटाने के लिए प्रतिबद्ध है।