अमेरिका स्थित सॉल्क जैविक अध्ययन संस्थान के शोधकर्त्ताओं ने कहा है कि काइमेरा रिसर्च (Chimera Research) द्वारा पहली बार मैकाक बंदरों के भ्रूण में मानव कोशिकाओं को बंदर के भ्रूण में विकसित किया गया है।
काइमेरस ऐसे जीव हैं जो दो अलग-अलग प्रजातियों की कोशिकाओं से बने होते हैं , जैसे : मानव और बंदर।
उदाहरण के लिये यदि किसी हाइब्रिड भ्रूण को बंदर के गर्भ में रखा जाए तो यह संभवतः एक नए प्रकार के जीव में विकसित हो सकता है
अनुसंधान का उद्देश्य:
मानव विकास और औषधि मूल्यांकन को समझना:
दो अलग-अलग प्रजातियों की कोशिकाओं को एक साथ विकसित करने की क्षमता वैज्ञानिकों को अनुसंधान और चिकित्सा के लिये एक शक्तिशाली उपकरण प्रदान करती है, जो प्रारंभिक मानव विकास, रोगों की पहचान और प्रगति तथा समयावधि के बारे में वर्तमान में समझ को विकसित करती है।
यह दवा मूल्यांकन के साथ-साथ अंग प्रत्यारोपण की महत्त्वपूर्ण आवश्यकता की पहचान कर सकता है।
काइमेरिक उपकरण यह अध्ययन करने के लिये एक नया मंच प्रदान करते हैं कि बीमारियाँ कैसे उत्पन्न होती हैं। उदाहरण के लिये एक विशेष जीन जो एक निश्चित प्रकार के कैंसर से जुड़ा होता है, को मानव कोशिका में प्रत्यारोपित किया जा सकता है।
एक काइमेरिक मॉडल में अभियांत्रिक कोशिकाओं का उपयोग करके रोग की उत्पत्ति और विकास संबंधी जानकारी का अध्ययन करने में मदद प्राप्त की सकती है, जो उन्हें पशु मॉडल से प्राप्त परिणामों की तुलना में रोगों के बारे में अधिक जानकारी प्रदान कर सकता है।
2017 के एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने मानव कोशिकाओं को सूअर के ऊतकों में एकीकृत किया। क्योंकि सूअर, जिसके अंग और शारीरिक ढाँचा मनुष्यों के समान है, वे उन अंगों को बनाने में मदद कर सकते हैं जिन्हें अंततः मनुष्यों में प्रत्यारोपित किया जा सकता है।
चूँकि सूअर और मानव (लगभग 90 मिलियन वर्ष) के बीच विकासवादी चरण में अंतर के कारण प्रयोग विफल हो गया, शोधकर्त्ताओं ने एक ऐसी प्रजाति को चुनने का फैसला किया, जो मानव से अधिक निकटता से संबंधित हो, इसलिये मैकाक बंदरों को चुना गया था।