बिहार में कोरोना संक्रमितों में खतरनाक ब्लैक फंगस (Mucormycosis) की दस्तक

बिहार में कोरोना संक्रमित रोगियों में खतरनाक ब्लैक फंगस (Mucormycosis) के लक्षण देखे जा रहे हैं। पटना में कुछ रोगियों में इसकी पुष्टि हुई है। एम्स में 4 और आईजीआईएमएस में भर्ती एक मरीज में ब्लैक फंगस पाया गया है। दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश के बाद, बिहार में काले कवक ने चिंता बढ़ा दी है।

क्या है लक्षण :

  • बुखार या तेज सिरदर्द
  • खांसी
  • खूनी उल्टी
  • नाक से खून आना या काले रंग का स्त्राव
  • आंखों या नाक के आसपास दर्द
  • आंखों या नाक के आसपास लाल निशान या चकत्ते
  • आंखों में दर्द, धुंधला दिखाई देना
  • गाल की हड्डी में दर्द, एक तरफा चेहरे का दर्द, चेहरे पर एक तरफ सूजन
  • दांतों में ढीलापन महसूस होना, मसूढ़ों में तेज दर्द
  • छाती में दर्द, सांस लेने में तकलीफ होना

ब्लैक फंगस (Mucormycosis) नाक, आंख, दिमाग पर सीधा हमला करता है। कई मामलों में आंखें तक पूरी तरह नस्ट हो जाती हैं। डॉक्टरों का कहना है कि ब्लैक फंगस कोशिकाओं को नष्ट करने के साथ साथ रोगी की हड्डियां तक गला देती है।

स्टेरॉयड एक ओर खून में शुगर लेबल बढ़ा देते हैं और दूसरी तरफ रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी काफी कमजोर कर देते हैं। ऐसे में फंगस इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। हवा में कई तरह के फंगस होते हैं। यह ऑक्सीजन लेने के क्रम में नाक के रास्ते शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। यह कमजोर इम्यूनिटी वालों पर अटैक कर देते हैं।

यह होने का मुख्य कारण :

AIIMS के डॉक्टर बताते हैं कि कोविड के कारण बिना किसी डॉक्टर के सलाह के स्टेरॉयड लेना ब्लैक फंगस (Mucormycosis) का कारण बन रहा है। कोरोना संक्रमण के कारण अचानक से ऐसे मामले बढ़े हैं। इसमें शुगर हाई होना, स्टेरॉयड का हाईडोज लेना, बिना एक्सपर्ट की निगरानी के डेक्सोना जैसे स्टेरॉयड की हाई डोज लेना ब्लैक फंगस का एक बड़ा कारण हो सकता है।

डॉक्टरों का कहना है कि डायलिसिस, कैंसर और खून की अन्य समस्याओं से जूझ रहे लोगों के साथ कमजोर इम्यूनिटी वालों में पहले भी यह समस्या आती रही है। लेकिन कोरोना काल में मामला गंभीर हो गया है। कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वालों में संक्रमण का खतरा अधिक होता है।

बचाव के उपाय :

  • कुशल चिकित्सक के परामर्श के बिना खुद से स्टेरॉयड नहीं लें।
  • नियमित शुगर स्तर की जांच कराते रहें।
  • कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले विशेष सावधानी बरतें।
  • डेक्सोना जैसी दवाओं के हाई डोज का इस्तेमाल चिकित्सक की सलाह पर करें।
  • नमी और डस्ट वाली जगहों पर नहीं जाएं।
  • ऑक्सीजन पर होने से पाइप बदलते रहें।
  • मास्क के साथ पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहने।

ब्लैक फंगस क्या है

 इसका वैज्ञानिक नाम है म्यूकोरमाइकोसिस. ICMR के मुताबिक, ये एक तरह का दुर्लभ फंगल इंफेक्शन है. दरअसल, म्यूकोरमाइसिस फंगस (ब्लैक फंगस) इंफेक्शन से जुड़ी बीमारी है. यह बीमारी एक तरह के फंगस या फफूंद से फैलती है. इस फंगस के स्पोर्स या बीजाणु वातावरण में प्राकृतिक रूप से मौजूद होते हैं. आमतौर पर इनसे कोई ख़तरा नहीं, लेकिन अगर शरीर का इम्युनिटी सिस्टम कमजोर हो, तो ये जानलेवा साबित हो जाते हैं.

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