जनवरी‚ 2022 में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने लोगों से प्रतिक्रिया प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय वायु खेल नीति (NASP) का प्रारूप जारी किया।
प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं-
इसका विजन वर्ष 2030 तक भारत को शीर्ष वायु खेल देशों में से एक बनाना है।
इस मिशन का उद्देश्य भारत में एक सुरक्षित‚ किफायती‚ सुलभ‚ सुखद और टिकाऊ वायु खेल पारितंत्र प्रदान करना है।
एनएएसपी 2022 में एरोबेटिक्स‚ एरोमॉडलिंग‚ अमेच्योर-बिल्ट और प्रायोगिक विमान‚ बैलूनिंग‚ ड्रोन‚ ग्लाइडिंग‚ हैंग ग्लाइटिंग और पैराग्लाइटिंग‚ माइक्रोलाइटिंग और पैरामोटरिंग‚ स्काइडाइविंग और विंटेज विमान जैसे खेल शामिल हैं।
एयर स्पोर्ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया को सर्वोच्च शासी निकाय के रूप में स्थापित किया जाएगा।
प्रत्येक वायु खेल के लिए पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया या स्काईडाइविंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया आदि जैसे एसोसिएशन दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों को प्रबंधित करेंगे।
वायु खेल संघ नियामक निरीक्षण के संबंध में एएसएफआई के प्रति उत्तरदायी होंगे और अपने संबंधित वायु खेल के सुरक्षित‚ किफायती‚ सुलभ‚ आनंददायक और टिकाऊ संचालन प्रदान करने के लिए जिम्मेदार होंगे।
एएसएफआई एफएआई और वायु खेलों से संबंधित अन्य वैश्विक मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व करेगा।
वायु खेल उपकरणों के घरेलू डिजाइन‚ विकास और विनिर्माण को आत्मनिर्भर भारत अभियान के अनुरूप बढ़ावा दिया जाएगा।
फेडरेशन एरोनॉटिक इंटरनेशनल जिसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड के लुसाने में हैं‚ वायु खेलों के लिए विश्वशासी निकाय है।
वायु खेल सेवाएं प्रदान करने वाले सभी व्यक्तियों और निकायों को संबंधित वायु खेल संघों के सदस्यों के रूप में पंजीकरण करना आवश्यक होगा।
डीजीसीए के डिजिटल स्काई प्लेटफार्म (http://digitalsky.dgca.gov.in) पर भारत का एक वायु क्षेत्र का मानचित्र प्रकाशित किया गया है।
यह मानचित्र भारत के पूरे वायु क्षेत्र को रेड जोन‚ येलो जोन और ग्रीन जोन में बांटता है।
लाल और पीले क्षेत्रों में संचालन के लिए क्रमश: केंद्र सरकार और संबंधित हवाई यातायात नियंत्रण प्राधिकरण से अनुमति की आवश्यकता होती है।
500 किग्रा. तक वजन वाले विमानों के लिए हरे क्षेत्रों में संचालन के लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है।
एक निश्चित स्थान-उदाहरण के लिए ‘हिमाचल प्रदेश में बीर-बिलिंग सिक्किम में गंगटोक‚ महाराष्ट्र में हडपसर या केरल में वागामोन जैसे उक्त स्थानों को गृह मंत्रालय‚ रक्षा मंत्रालय‚ राज्य सरकार और स्थानीय वायु यातायात नियंत्रण प्राधिकरण से आवश्यक अनुमतियों के साथ वायु खेलों के लिए ‘नियंत्रण क्षेत्र’ घोषित किया जा सकता है।
सरकार कुछ विशिष्ट वर्षों के लिए बिना किसी आयात शुल्क के वायु खेल उपकरणों के आयात की अनुमति देने पर विचार करेगी।
स्कूलों‚ कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को अपने पाठ्यक्रम में वायु खेलों को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।