
राई लोक नृत्य के दिग्गज पद्मश्री राम सहाय पांडे का लंबी बीमारी के बाद मध्य प्रदेश के सागर के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वे 92 वर्ष के थे। पांडे का राई नृत्य में योगदान अमिट छाप छोड़ गया है।
उन्होंने 12 साल की उम्र से ही राई नृत्य करना शुरू किया और इस नृत्य को दुनिया भर में पहचान दिलाई। उन्होंने 24 देशों में अपनी कला का प्रदर्शन किया। भारत सरकार ने उन्हें 2022 में पद्मश्री से सम्मानित किया था।
राई नृत्य बुंदेलखंड का सबसे प्रसिद्ध नृत्य है, जो साल भर हर बड़े आयोजन में होता है। इस नृत्य में पुरुष और महिलाएं दोनों नाचते हैं, जहां राई नृत्य करने वाली महिलाओं को बेड़नियां और पुरुषों को मृदंगधारी कहा जाता है। राम सहाय पांडे का योगदान इस कला को जीवित रखने में महत्वपूर्ण रहा है।