तीन परम रुद्र सुपर कंप्यूटर ( PARAM Rudra Supercomputers ) राष्ट्र को समर्पित

PARAM Rudra Supercomput

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लगभग 130 करोड़ रुपये के तीन परम रुद्र सुपर कंप्यूटर ( PARAM Rudra Supercomputers ) राष्ट्र को समर्पित किये। राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम) के तहत स्वदेशी रूप से विकसित, इन सुपरकंप्यूटरों को अग्रणी वैज्ञानिक अनुसंधान की सुविधा के लिए पुणे, दिल्ली और कोलकाता में तैनात किया गया है। प्रधान मंत्री ने मौसम और जलवायु अनुसंधान के लिए तैयार एक उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग (एचपीसी) प्रणाली ‘अर्का’ और ‘अरुणिका’ का भी उद्घाटन किया। यह क्षमता उद्योग 4.0 में भारत के विकास का आधार बनेगी।

उन्होंने 2035 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना के पहले चरण के लिए सरकार की हालिया मंजूरी का भी उल्लेख किया, जिससे अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की उपस्थिति बढ़ जाएगी।

उन्होंने हाल ही में लॉन्च किए गए ‘मिशन मौसम’ के बारे में भी बात की, जिसका उद्देश्य देश को मौसम के लिए तैयार और जलवायु-स्मार्ट बनाना है।

पृष्ठभूमि
मार्च 2015 में सात वर्षों की अवधि (वर्ष 2015-2022) के लिये 4,500 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से ‘राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन’ की घोषणा की गई थी। इस मिशन के अंतर्गत 70 से अधिक उच्च प्रदर्शन वाले सुपरकंप्यूटरों के माध्यम से एक विशाल सुपरकंप्यूटिंग ग्रिड स्थापित कर देश भर के राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थानों और R&D संस्थाओं को सशक्त बनाने की परिकल्पना की गई है।
इस मिशन को ‘विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग’ तथा ‘इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय’ द्वारा ‘सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग’ (C-DAC) और ‘भारतीय विज्ञान संस्थान’ (IISc) बंगलूरू के माध्यम से कार्यान्वित किया जा रहा है।

  • पुणे में विशाल मीटर रेडियो टेलीस्कोप (जीएमआरटी) फास्ट रेडियो बर्स्ट्स (एफआरबी) और अन्य खगोलीय घटनाओं का पता लगाने के लिए सुपर कंप्यूटर का लाभ उठाएगा।
  • दिल्ली में इंटर-यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर (IUAC) सामग्री विज्ञान और परमाणु भौतिकी जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान को बढ़ाएगा।
  • एस.एन. कोलकाता में बोस सेंटर भौतिकी, ब्रह्मांड विज्ञान और पृथ्वी विज्ञान जैसे क्षेत्रों में उन्नत अनुसंधान को बढ़ावा देगा।

प्रधान मंत्री ने मौसम और जलवायु अनुसंधान के लिए तैयार एक उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग (एचपीसी) प्रणाली का भी उद्घाटन किया जिसकी लगत 850 करोड़ है । दो प्रमुख स्थलों, पुणे में भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) और नोएडा में राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र (एनसीएमआरडब्ल्यूएफ) में स्थित, इस एचपीसी प्रणाली में असाधारण कंप्यूटिंग शक्ति है। नई एचपीसी प्रणालियों को ‘अर्का’ और ‘अरुणिका’ नाम दिया गया है, जो सूर्य से उनके संबंध को दर्शाता है। ये उच्च-रिज़ॉल्यूशन मॉडल उष्णकटिबंधीय चक्रवातों, भारी वर्षा, तूफान, ओलावृष्टि, गर्मी की लहरों, सूखे और अन्य महत्वपूर्ण मौसम घटनाओं से संबंधित भविष्यवाणियों की सटीकता और लीड समय में काफी वृद्धि करेंगे।

 

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