3 फरवरी, 2022 को पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी द्वारा राज्यसभा में बताया गया कि बिहार के पुनौरा धाम को स्वदेश दर्शन योजना के रामायण सर्किट में तथा प्रसाद योजना में शामिल किया गया है।
बिहार के सीतामढ़ी जिले के पुनौरा धाम गाँव में माँ जानकी जन्मभूमि मंदिर है, जिसे ही पुनौरा धाम के नाम से जाना जाता है।
स्वदेश दर्शन योजना पर्यटन स्थलों के थीम आधारित एकीकृत विकास के लिये वर्ष 2014-15 में प्रारंभ की गई थी, जैसे- रामायण सर्किट, बौद्ध सर्किट, जैन सर्किट आदि।
प्रसाद योजना सभी धर्मों के तीर्थ केंद्रों पर सुविधाओं और अवसंरचना में सुधार के उद्देश्य से वर्ष 2014-15 में प्रारंभ की गई थी।बिहार में प्रसाद योजना के अंतर्गत पटना साहिब का विकास तथा स्वदेश दर्शन योजना के तहत जैन परिपथ का विकास, कांवरिया परिपथ का विकास, गांधी परिपथ का विकास, रामायण सर्किट एवं बौद्ध परिपथ शामिल हैं।
जैन थीम के अंतर्गत- वैशाली-आरा-मसाद-पटना-राजगीर-पावापुरी-चंपापुरी में तीर्थांकर सर्किट के विकास की साल 2016-17 में 37.20 करोड़ रुपये की राशि के साथ स्वीकृत दी गई थी। इसके लिए अब तक 26.11 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है।
वहीं सुल्तानगंज-धर्मशाला-देवघर में आध्यात्मिक विषय के अंतर्गत आध्यात्मिक सर्किट का एकीकृत विकास, वर्ष 2016-17 में 44.76 करोड़ रुपये की राशि की लागत से स्वीकृत। 42.52 करोड़ रुपए की राशि अब तक जारी की गई है।
बौद्ध सर्किट का विकास – बोधगया में कन्वेंशन सेंटर के निर्माण के लिए साल 2016-17 में 98.73 करोड़ रुपये की राशि की लागत से स्वीकृति दी गई थी जिसके तहत 93.22 करोड़ रुपए अब तक जारी किए गए हैं।
गांधी सर्किट का विकास : ग्रामीण थीम के तहत भितिहारवा-चन्द्रहिया-तुकरलिया को वर्ष 2017-18 में 44.65 करोड़ रुपये की राशि की लागत से स्वीकृत किया गया। इसके तहत 35.72 करोड़ रुपए अब तक जारी किए गए हैं।