RBI ने महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में पूंजी की उपलब्धता को बेहतर बनाने के लिये प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र ऋण (Priority Sector Lending- PSL) संबंधी संशोधित दिशा निर्देश जारी किये हैं।RBI द्वारा PSL दिशा निर्देशों में परिवर्तनों का उद्देश्य इसे उभरती राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ संरेखित करना और समावेशी विकास पर ध्यान केंद्रित करना है।
- RBI द्वारा प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के दायरे का विस्तार करते हुए इसमें स्टार्टअप के लिये 50 करोड़ रुपए तक का वित्तपोषण और कृषि क्षेत्र में सौर ऊर्जा चालित पंप तथा संपीड़ित बायोगैस संयंत्रों की स्थापना के हेतु ऋण को भी शामिल कर दिया गया है।RBI द्वारा ‘किसान उत्पादक संगठनों’ ( FPOs) और कृषि क्षेत्र में सक्रिय ‘किसान उत्पादक कंपनियों’ (FPCs) के लिये ऊँची ऋण सीमा का निर्धारण किया गया है। कृषि क्षेत्र के लिये प्रति इकाई ऋण की सीमा 2 करोड़ रुपए निर्धारित की गई है।
- ‘छोटे और सीमांत किसानों’ तथा ‘कमज़ोर वर्गों’ के लिये निर्धारित लक्ष्यों को चरणबद्ध तरीके से बढ़ाया जा रहा है। RBI द्वारा 1 हेक्टेयर तक की भूमि वाले किसानों को सीमांत किसान (Marginal Farmers) तथा 1 हेक्टेयर से अधिक और 2 हेक्टेयर से कम की भूमि वाले किसानों को छोटे किसानों (Small Farmers) के रूप में परिभाषित किया गया है।
- RBI द्वारा PSL प्रावधानों में हालिया संशोधन के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा के लिये ऋण सीमा को बढ़ा कर दोगुना कर दिया गया है।इसके तहत ऋण की अधिकतम सीमा 30 करोड़ रुपए निर्धारित की गई है।साथ ही व्यक्तिगत परिवारों के लिये अधिकतम ऋण की सीमा 10 लाख रुपए होगी।
- इसके साथ ही RBI द्वारा PSL के तहत स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे (आयुष्मान भारत सहित) के लिये ऋण सीमा को भी दोगुना कर दिया गया है।RBI द्वारा PSL प्रावधानों में किये गए हालिया परिवर्तन के पश्चात टीयर II से टीयर VI (Tier II to Tier VI) केंद्रों में स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों के निर्माण के लिये ऋण सीमा को बढ़ाकर 10 करोड़ रुपए तक कर दिया गया है।
- प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के संदर्भ में कम ऋण प्रवाह वाले ज़िलों के लिये एक प्रोत्साहन फ्रेमवर्क का निर्माण किया जाएगा।इसके तहत वित्तीय वर्ष 2021-22 से ऐसे चिन्हित ज़िलों जहाँ प्रति व्यक्ति PSL 6000 रुपए से कम होगा उनमें वृद्धिशील प्राथमिकता प्राप्त ऋण पर उच्च भारांश (125%) लागू होगा।साथ ही ऐसे ज़िले जिनमें प्रति व्यक्ति PSL 25000 रुपए से अधिक होगा उनमें वृद्धिशील प्राथमिकता प्राप्त ऋण पर कम भारांश (90%) लागू होगा।
प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र से आशय ऐसे क्षेत्रों से है जिन्हें भारत सरकार तथा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा देश की बुनियादी ज़रूरतों के विकास के लिये महत्त्वपूर्ण माना जाता है तथा इसके कारण उन्हें अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा अधिक प्राथमिकता दी जाती है।RBI द्वारा जारी PSL की सूची में निम्नलिखित 8 क्षेत्र शामिल हैं।कृषि, ‘सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम’, निर्यात ऋण, शिक्षा, आवास, सामाजिक अवसंरचना, नवीकरणीय ऊर्जा, अन्य।RBI के प्रावधानों के अनुसार, सभी व्यावसायिक बैंकों (स्थानीय और विदेशी) के लिये अपने कुल ‘समायोजित निवल बैंक ऋण’ (Adjusted Net Bank Credit- ANBC) का 40% PSL के लिये निर्धारित करना अनिवार्य है।क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और छोटे वित्तीय बैंकों को अपने ANBC का 70% PSL के लिये आवंटित करना अनिवार्य है।