राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF ) से संबंधित सभी प्रावधान

केंद्र सरकार ने कोविद -19 की दूसरी लहर के मद्देनजर राज्यों को राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष State Disaster Response Fund (SDRF) की पहली किस्त जारी की है। आमतौर पर पहली किस्त वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार जून के महीने में जारी की जाती है।

SDRF के बारे में:

SDRF का गठन आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 48 (1) (ए) के तहत किया जाता है।
इसका गठन 13 वें वित्त आयोग ( Finance Commission )की सिफारिशों के आधार पर किया गया था।
यह राज्य सरकार के पास उपलब्ध प्राथमिक निधि है, जिसका उपयोग अक्सर अधिसूचित आपदाओं के लिए तत्काल राहत प्रदान करने के लिए किया जाता है।
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक- CAG द्वारा इसका हर साल ऑडिट किया जाता है।

केंद्र सरकार SDRF आवंटन में 75% सामान्य श्रेणी के राज्यों और 90% विशेष श्रेणी के राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में योगदान करती है।
वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार वार्षिक केंद्रीय योगदान दो समान किश्तों में जारी किया जाता है।

SDRF के अंतर्गत आने वाली आपदाएँ: – चक्रवात, सूखा, भूकंप, आग, बाढ़, सुनामी, ओलावृष्टि, भूस्खलन, हिमस्खलन, बादल फटना, कीट का हमला, ठंढ और शीत लहरें आदि।

स्थानीय आपदाएँ:

राज्य सरकार प्राकृतिक आपदाओं से पीड़ित लोगों को तत्काल राहत प्रदान करने के लिए SDRF के तहत उपलब्ध धन का 10% तक का उपयोग कर सकती है, जिसे वे राज्य में स्थानीय संदर्भ में ‘आपदा’ मानते हैं और जो गृह मंत्रालय की आपदा सूची में शामिल नहीं हैं

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