भारतीय मौसम विभाग ने अपने ताजा अपडेट में कहा है कि अरब सागर में एक साइक्लोनिक प्रेशर बन रहा है जो कि 16 मई को ‘चक्रवात’ ( Tauktae Cyclone ) का रूप धारण कर सकता है। यह साल 2021 का पहला चक्रवाती तूफान है, जिसका नाम म्यांमार ने ‘टूकटा’ ( Tauktae ) रखा है, जिसका अर्थ होता है ‘गेको’ यानी कि ‘गर्म जलवायु में पाइ जाने वाली घरेलू छिपकली’। ये तूफान कितना भयानक होगा इस बारे में अभी कोई बुलेटिन जारी नहीं हुआ है लेकिन इस साइक्लोन की वजह से 16 मई से लक्षद्वीप, केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में भारी बारिश होने की आशंका है, जो कि कई दिनों तक प्रभावी रह सकती है।
चक्रवात कैसे बनते हैं?
समुद्र में गर्म और नम हवा ऊपर उठती है। इससे कम दबाव का क्षेत्र बन जाता है। इस क्षेत्र के चारों ओर दबाव अधिक है। आसपास के क्षेत्रों से हवा कम दबाव के क्षेत्र में धकेलती है। अब यह हवा भी गर्म होकर ऊपर उठती जाती है और चक्रवात का निर्माण जारी रहता है।
गर्म हवा ऊपर उठती है, ठंडी हो जाती है और बादलों में संघनित हो जाती है। हवा और बादलों की पूरी प्रणाली घूमती है और बढ़ती है। यह समुद्र की गर्मी और वाष्पित पानी द्वारा सहायता प्राप्त करती है।
जैसे ही सिस्टम तेजी से और तेजी से घूमता है, केंद्र में एक आंख ( cyclone eye ) बनती है।
जब यह सिस्टम 63 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से घूमता है, तो इसे “उष्णकटिबंधीय तूफान”/ Tropical Storm कहा जाता है। जब हवा की गति 119 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच जाती है तो इसे उष्णकटिबंधीय चक्रवात कहा जाता है।
चक्रवात निर्माण के लिए शर्ते
सरफेस सी टेम्परेचर 27 ° C और उससे अधिक तक बढ़ जाता है।
कोरिओलिस बल की उपस्थिति
ऊर्ध्वाधर हवा की गति में अंतर
समुद्र तल प्रणाली के ऊपर ऊपरी विचलन
कम दबाव का क्षेत्र
अनुकूल मैडेन जूलियन दोलन
महासागरीय ताप क्षमता
मैडेन जूलियन ऑसिलेशन
यह एक समुद्री वायुमंडलीय घटना है जो पृथ्वी में मौसम की गतिविधियों को प्रभावित करती है। यह भूमध्य रेखा के पास बादलों, हवाओं, वर्षा और दबाव की एक नाड़ी है जो हर तीस से साठ दिनों में होती है। यह प्रशांत महासागर और हिंद महासागर पर प्रमुख है।
Tauktae Cyclone
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