प्रदेश के सभी प्रखंडों में प्रदूषण जांच केंद्र खोलने में भी राज्य सरकार सहायता देगी. अधिक से अधिक लोगों को प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए परिवहन विभाग ने अपना प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसे जल्द ही कैबिनेट के सामने ले जाने की संभावना है। अभी तक प्रदेश में प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए लोगों को किसी प्रकार की कोई सहायता या अनुदान नहीं दिया गया है. सरकार प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए लाभार्थियों को लागत का 50 प्रतिशत तक सहायता प्रदान करेगी। यह सहायता तीन लाख रुपये तक हो सकती है।
राज्य में वाहन प्रदूषण जांच केंद्रों की संख्या बढ़ाने के लिए बिहार मोटर नियमावली, 1992 के नियमों में भी संशोधन किया गया है। अब इंटर (साइंस) पास व्यक्ति भी वाहन प्रदूषण जांच केंद्र चला सकता है। वर्तमान में गाडिय़ों का प्रदूषण प्रमाण पत्र नही होने पर 10 हजार तक जुर्माने का प्रविधान है।