13 जनवरी‚ 2022 को संयुक्त राष्ट्र ने ‘विश्व आर्थिक स्थिति एवं संभावनाएं‚ (World Economic Situation and Prospects), 2022 नामक रिपोर्ट जारी की।
इस रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि वैश्विक आर्थिक सुधार में कमी आ रही है।
इसके अनुसार कोविड-19 संक्रमण की नई लहरों‚ श्रम बाजार की लगातार चुनौतियों‚ आपूर्ति शृंखला की चुनौतियों और बढ़ते मुद्रास्फीति के दबावों के बीच वैश्विक आर्थिक सुधार को महत्वपूर्ण बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है।
इस रिपोर्ट के अनुसार‚ वैश्विक विकास दर वर्ष 2021 में 5.5 प्रतिशत आकलित की गई।
इसके वर्ष 2022 में 4.0 प्रतिशत तथा वर्ष 2023 में 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
विकसित अर्थव्यवस्थाओं की वृद्धि दर वर्ष 2021 में 4.8 प्रतिशत आकलित की गई।
इसके वर्ष 2022 में 3.7 प्रतिशत तथा 2023 में 2.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
जिसमें यूएसए‚ जापान और यूरोपियन यूनियन की जीडीपी वृद्धि वर्ष 2022 में क्रमश: 3.5 प्रतिशत‚ 3.3 प्रतिशत तथा 3.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
जबकि यूरो क्षेत्र‚ यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड की जीडीपी वृद्धि दर वर्ष 2022 क्रमश: 4.0 प्रतिशत तथा 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
इसके अनुसार विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की विकास दर वर्ष 2021 में 6.4 प्रतिशत आकलित की गई।
जिसके वर्ष 2022 में 4.5 प्रतिशत तथा वर्ष 2023 में 4.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
रिपोर्ट के अनुसार‚ वर्ष 2021 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 9.0 प्रतिशत आकलित की गई।
जिसके वर्ष 2022 में 6.7 तथा वर्ष 2023 में 6.1 प्रतिशत तथा रहने का अनुमान है।
वहीं चीन की जीडीपी वृद्धि दर वर्ष 2021 में 7.8 प्रतिशत आकसित की गई है।
जिसके वर्ष 2022 में 5.2 प्रतिशत तथा वर्ष 2023 में 5.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।